यह ग्रहण भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष अमावस्या , दिन रविवार 21 /22 सितंबर को 2025 सूर्य ग्रहण लगेगा मध्य रात्रि 23 बजे से 22 सितम्बर 2025 को सुबह 3 बजकर 24 मिनट तक रहेगा l यह सूर्य ग्रहण भारत वर्ष में दिखाई नहीं देगा l विश्व के कई देशों में आंशिक रूप दिखाई देगा l यह दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, पेसिफिक, अटलांटिक, अंटार्कटिका हिन्द महासागर में आंशिक रूप से सूर्य ग्रहण दिखाई देगा l चिल्ली, अर्जेंटीना, मलावी और दक्षिण जॉर्जिया, नामीबिया, नार्वे, फ्रांस, जिम्बाब्वे, मॉरिशस, तंजानिया आदि देशों भी दिखाई देगा l भारत वर्ष में सूर्य ग्रहण अदृश्य रहेगा l🌞
Eclipse
The Moon is eclipsed when it moves within the shadow of the earth and the Sun is eclipsed when the Moon obstruct the light of the Sun or the Earth reaches in the shadow of the Moon. Lunar eclipse takes place in Purnima and Solar eclipse falls on Amavasya but these phenonmeana do not occur at every Amavasya or Purnima. The explanation for it is that the orbit of moon is inclined at an angle of 5d nearly to earth's orbit.
Friday, August 29, 2025
21 /22 सितंबर को 2025 सूर्य ग्रहण लगेगा मध्य रात्रि 23 बजे से 22 सितम्बर 2025 को सुबह 3 बजकर 24 मिनट तक रहेगा
यह ग्रहण भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष अमावस्या , दिन रविवार 21 /22 सितंबर को 2025 सूर्य ग्रहण लगेगा मध्य रात्रि 23 बजे से 22 सितम्बर 2025 को सुबह 3 बजकर 24 मिनट तक रहेगा l यह सूर्य ग्रहण भारत वर्ष में दिखाई नहीं देगा l विश्व के कई देशों में आंशिक रूप दिखाई देगा l यह दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, पेसिफिक, अटलांटिक, अंटार्कटिका हिन्द महासागर में आंशिक रूप से सूर्य ग्रहण दिखाई देगा l चिल्ली, अर्जेंटीना, मलावी और दक्षिण जॉर्जिया, नामीबिया, नार्वे, फ्रांस, जिम्बाब्वे, मॉरिशस, तंजानिया आदि देशों भी दिखाई देगा l भारत वर्ष में सूर्य ग्रहण अदृश्य रहेगा l🌞
Friday, August 15, 2025
खग्रास चंद्रग्रहण भाद्रपद मास में पूर्णिमा 7/8 सितम्बर 2025 ई.
विक्रम संवत 2082 में चार ग्रहण आकाश मंडल में दृश्य होगे l निम्नलिखित चारों ग्रहण कर रहे हैं :-
1. खग्रास चन्द्र ग्रहण 7/8 सितम्बर 2025 ई . 2. आंशिक सूर्य ग्रहण 21/22 सितम्बर 2025 ई . 3.कंकण सूर्य ग्रहण ( 17 फरवरी 2026 ई .)। 4. खग्रास चन्द्र ग्रहण ( मार्च 3, 2025 ई .)। खग्रास चन्द्र ग्रहण भारत वर्ष में दिखाई देंगे l दोनों सूर्य ग्रहण भारत वर्ष में दिखाई नहीं देगे l।
सितम्बर 7/8 , 2025 को खग्रास चन्द्र ग्रहण
खग्रास चन्द्र ग्रहण भाद्रपद मास में पूर्णिमा तिथि, रविवार, तदनुसार 7/8 सितम्बर 2025 ई . को भारत वर्ष में 7 सितम्बर 2025 ई . की रात्रि 9 बजकर 57 मिनट पर खग्रास चन्द्र ग्रहण शुरू होगा और सारे भारत वर्ष में चन्द्र उदय सायं काल 6 बजकर 57 मिनट पर हो चुका होगा l उसके बाद रात्रि 9 बजकर 57 मिनट खग्रास चन्द्र ग्रहण प्रारम्भ हो जाएगा और रात्रि में 1 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगा l भारत वर्ष के सभी शहरों और गांवों में यह ग्रहण दिखाई देगा l प्रारम्भ से मोक्ष रूप में दिखाई देगा l इस चन्द्र ग्रहण और चन्द्र बिम्ब पश्चिम -दक्षिण की ग्रसित होकर उत्तर -पूर्व की ओर से मुक्त होता हुआ दिखाई देगा l विश्व में किन किन स्थानों दिखाई देगा यह यूरोप, एशिया, आस्ट्रेलिया, अफ्रीका, पश्चिमी - उत्तर - पूर्वी अमेरिका में दिखाई देगा l पेसिफिक, अटलांटिक, अंटार्कटिका एवं हिन्द महासागर में खग्रास चन्द्र ग्रहण दिखाई देगा और भारत में चन्द्र ग्रहण दिखाई नहीं देगा l इसके साथ साथ ही यह चन्द्र ग्रहण म्यांमार, चीन, नाईजिरिया, थाईलैण्ड, इंडोनेशिया, जर्मनी, रसिया, उत्तरकोरिया, इटली , बंगलादेश, हंगरी, फिलीपींस, ग्रीस, सिंगापुर, रोमानिया, जापान, फ्रांस, स्पेन और भारत वर्ष में अधिकतर भागों में दिखाई देगा l भारत वर्ष के सभी शहरों/ गांवों में यह खग्रास चन्द्र ग्रहण दिखाई देगा l ब्राजील के पूर्वी क्षेत्रों में दिखाई देगा l
खग्रास चन्द्र ग्रहण के स्पर्शादि समय भारतीय मानक समय इस प्रकार हैं l
घंटा. मिनट सैंकड
ग्रहण स्पर्श: 21 - 57. - 09
खग्रास प्रारम्भ: 23. -00 -48
ग्रहण मध्य : 23. - 41 -47
खग्रास समाप्त : 01. -22. -51
चन्द्र ग्रहण समाप्त : 01- 26 -31
पर्व काल: 3 घण्टे 29 मिनट
परम ग्रास मान 1.362
Friday, March 7, 2025
29 मार्च 2025 शनिवार को अमावस्या पर खण्डग्रास सूर्य ग्रहण
29 मार्च 2025 शनिवार को अमावस्या पर खण्डग्रास सूर्य ग्रहण दिखाई देगा l यह खण्डग्रास सूर्य ग्रहण चैत्र अमावस्या शनिवार 29 मार्च 2025 ई को भारतवर्ष मानक समय अनुसार दोपहर दो बजकर 21 मिनट से सायं 18 बजकर 10 मिनट तक होगा l
भारतवर्ष में खण्डग्रास सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा l यह यूरोप के कुछ देशों में, उत्तर पश्चिमी देश अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका के पूर्वी क्षेत्रों में, रूस के उत्तरी भाग में, दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भाग, एटलांटिक और आर्कटिक महासागर में दिखाई देगा l
मुख्य देशों में आस्ट्रेलिया और कनाडा के पूर्वी भाग डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीनलैण्ड, हंगरी और इटली, स्पेन, यूक्रेन, इंग्लैंड , अमेरिका के पूर्वी भाग में, पुर्तगाल, स्वीडन ,नॉर्वे, उत्तरी रूस में दिखाई देगा l
29 मार्च 2025 को आकाश मंडल में ग्रहों की स्थिति बनी हुई है और यहां पर उसका उल्लेख किया गया है कि सूर्य और चंद्रमा दोनों ही मीन राशि में स्थित हैं l मीन राशि में छै ग्रहों की योग बन रहा हैं l
उत्तराभाद्रपदा नक्षत्र में चार ग्रह स्थित हैं और गुरु राशि के स्वामी हैं और नक्षत्रपति शनि देव हैं l
मीन राशि काल पुरुष की अन्तिम पड़ाव पर है l मृत्यु शय्या पर के पिछले पांव माना जाता हैं l जो कि इस लोक को छोड़ कर परलोक सिधार का संकेत देता हैं l प्रलय आने वाली हैं l विश्व युद्ध होने वाली हैं l जैसा 1962 में युद्ध हुआ था l इसके मुख्य देव श्री शिव जी हैं l जो सर्पों की माला पहने हुए रहते हैं l पित्त कारक नक्षत्र माना जाता हैं और पृथ्वी के केंद्र भाग से है जो कि सर्वदा गरम भाग हैं और पृथ्वी में ज्वाला मुखी फटने पर बाहर निकलने को व्याकुल रहता है l शनि और राहु दोनों ही ग्रह पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में स्थित हैं l अनिष्ट और अशुभ फल देते हैं l नक्षत्रों का चित्रण एक दैत्यों, रक्तरंजित तलवार, मुर्दे की खोपड़ी एवं हड्डियो इसे मृत्यु का दर्शाता हैं और बीसवीं शताब्दी के विश्व युद्ध को दर्शाता हैं मानव बलि लेने वाले देवता के अधीन हैं l
चन्द्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण दोनों ही पंद्रह दिनों बीच है जहां पर ग्रहण दिखाई देगा और वहां के राजा को कष्ट उठाना पड़ सकता है l यह हिन्दू शास्त्रों में कहा गया है l कोई भी ग्रहण आरम्भ होने से तीन दिन पहले कोई शुभ कार्य वर्जित होता हैं और ग्रहण दिखाई देने के बाद तीन दिनों तक शुभ कार्य वर्जित माना गया है l किसी भी देश में ग्रहण दिखाई देगा तो उसका प्रभाव छह महीने तक दिखाई देता हैं l जिस राशि और जन्म कुण्डली चंद्रमा स्थित है और उसमें पूर्वा भाद्र पद और उत्तराभाद्रपदा नक्षत्र स्थित हैं सिंह और मीन राशि वालों को ध्यान रखना चाहिए l
सूर्य ग्रहण का प्रारम्भ समय = 14 बजकर 21 मिनट
खण्डग्रास सूर्य ग्रहण =14 बजकर 21 मध्य मिनट
परम ग्रास 16 बजकर 17 मिनट
ग्रहण समाप्ति समय = 18 बजकर 14 मिनट ग्रहण
लाल रंग चन्द्र = सूर्य अपने उग्र रूप में ग्रहण जो कि राजा और मंत्री को समस्या होगी l बीमारी का समावेश होगा l मानसिक रूप से ग्रसित होने से खुदकुसी होने की संभावना है हृदय रोग, कोई पुरानी बीमारी दुबारा से हो सकती हैं l वायु और जल की संभावना है l अमेरिका पूर्वी भाग और दक्षिण भाग को अधिक प्रभाव शाली है और मुद्रा स्थिति में गिरावट आएगी और शेयर बाजार में भारी गिरावट आ जाएगी l जो कि देशों में हलचल मच जाएगी l युद्ध होना निश्चित है l जनता को परेशानी आ जाएगी l
Thursday, March 6, 2025
14 मार्च 2025 खग्रास चन्द्र ग्रहण ( 14 मार्च 2025 )
इस विक्रम संवत 2081 में भूमण्डल पर चार ग्रहण घटित होने जा रहे हैं।यह ग्रहण निम्नलिखित है:-
1. दो चन्द्र ग्रहण 2. दो सूर्य ग्रहण होंगे।
1.प्रथम खग्रास चन्द्र ग्रहण ( 18 -9- 2024)
2.कँकणाकृति सूर्य ग्रहण (2/ 3 -10-2024)
3. खण्डग्रास चन्द्र ग्रहण (14-3- 2025)
4.खग्रास सूर्य ग्रहण ( 29 -3-2025)
खग्रास चन्द्र ग्रहण ( 14 मार्च 2025 ) यह खग्रास चन्द्र ग्रहण फाल्गुन मास पूर्णिमा, शुक्रवार के दिन प्रातः: 10 बजकर 40 मिनट से दोपहर दो बजकर 18 मिनट तक रहेगा l
चन्द्र ग्रहण का प्रारम्भ समय = 10 बजकर 40 मिनट
खग्रास चन्द्र ग्रहण =11 बजकर 56 मिनट
परम ग्रास =. 12 बजकर 29 मिनट
खग्रास ग्रहण समाप्ति समय = 13 बजकर 01 मिनट
ग्रहण समाप्त समय = 14 बजकर 18 मिनट
कुल समय = 1 घंटा - 05 मिनट
लाल रंग चन्द्र ग्रहण जो कि राजा और मंत्री को समस्या होगी l बीमारी का समावेश होगा l मानसिक रूप से ग्रसित होने से खुदकुसी होने की संभावना है हृदय रोग, कोई पुरानी बीमारी दुबारा से हो सकती हैं l वायु और जल की संभावना है l
भारतवर्ष में खग्रास चन्द्र ग्रहण दिखाई नहीं देगा l
यह चन्द्र ग्रहण यूरोप, आस्ट्रेलिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका, प्रशान्त एटलांटिक, आर्कटिक महासागर, पूर्वी एशिया और अंटार्टिका में देखा जा सकता हैं l मुख्य रूप शहरों में शिकागो, न्यूयॉर्क, मांट्रियल, लॉस एंजिल्स, वाशिंगटन, मेक्सिको, चिली और ब्राज़ील में दिखाई देगा l
यूरोप के मुख्य शहरों में दिखाई देगा ब्रिटेन, इटली, फ्रांस, जर्मनी, आयरलैंड, पुर्तगाल, स्पेन चन्द्रास्त के समय दिखाई देगा l
आस्ट्रेलिया के मुख्य शहरों में मेलबर्न, सिडनी, पूर्वी एशिया, जापान, दक्षिण कोरिया, फिजी में जा सकता हैं l
चन्द्र ग्रहण का कुल समय एक घंटा 05 मिनट तक चल परम ग्रास 12 बजकर 29 मिनट पर है और ग्रहण का समापन दोपहर दो बजकर 18 मिनट तक है l
यह ग्रहण सूर्य और शनि कुम्भ राशि में स्थित हैं और चंद्रमा सिंह राशि में स्थित हैं l राहु, वक्री शुक्र और बुध मीन राशि में स्थित हैं l मंगल मिथुन राशि में स्थित हैं और बृहस्पति वृष राशि में गोचर कर रहे हैं l दो ग्रह उत्तर भाद्रपद नक्षत्र में स्थित और तीन ग्रह पूर्वभाद्रपद नक्षत्र में स्थित हैं l शनि की राशि में सूर्य और शनि स्थित हैं l प्राचीन ऋषियों के मतानुसार पूर्वभाद्रपद नक्षत्र को शय्या के अगले पांव और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के पिछले पाँव माना जाता हैं l पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र की प्रतीक तलवार काम, अंहकार, सत्ता और धन का नाश माना जाता हैं l पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के देवता अज एक-पाद है जो कि एक पैर बकरा हैं और अन्तिम अवस्था को प्रलयकारी शिव, रौद्र रूप से तांडव नृत्य करते हैं l क्रूर, पिचाश को दर्शाता हैं l विश्व युद्ध होने वाली हैं lThursday, April 4, 2024
8 अप्रैल 2024 विक्रमी संवत 2080 अन्तिम खग्रास सूर्य ग्रहण
विक्रमी संवत 2080 का अंतिम सूर्य हैं । 08 अप्रैल 2024 को अन्तिम खग्रास सूर्य ग्रहण दिखाई देगा ।
विक्रम संवत 2080 चंद्र मास वैशाख तिथि कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि सोमवार भारतीय मानक समय रात्रि 21: 12 बजे सूर्य ग्रहण प्रारंभ होगा और मध्यरात्रि 02 :23 बजे तक रहेगा। मकर लग्न की कुण्डली बन रही है। सूर्य, चंद्र, राहु और मंगल मीन राशि का स्वामी गुरु है। सूर्य, चंद्र, राहु तीनों रेवती नक्षत्र में स्थित हैं। और मंगल शतभिषा नक्षत्र में स्थित है।
सूर्य, चंद्र, राहु तीनों रेवती नक्षत्र में स्थित हैं। शनि और मंगल कुम्भ राशि में स्थित है।। शनि देव जी की दृष्टि कुम्भ राशि में स्थित गुरु और बुध के ऊपर है। राजनीति की दृष्टि से यह समय ठीक नहीं है। इससे कुछ राज्यों में साम्प्रदायिक दंगे और उग्रवाद की घटित होने की आशंका है। देश की सीमाओं पर अशांति रहेगी। खग्रास सूर्य ग्रहण की अवधि छः घंटे है। इस ग्रहण का उत्तर और दक्षिण अमेरिका , पश्चिम यूरोप ,पेसिफ़िक , अटलांटिक सागर में दिखाए देगा | सूर्य ग्रहण यूएस , कैनेडा , फ्रेंच , क्रिसमस , आइजलैंड , कुक , गोटेमाला ,क्यूबा , बरमूडा , पुर्तगाल में आकृति दिखाई देगा। यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। कभी-कभी सूर्य ग्रहण का प्रभाव पांच घंटे, पांच दिन, पांच महीने और पांच साल में दिखाई देता है। जिस देश में सूर्य ग्रहण दिखाई दे रहा है, उस देश के राजा पर यह दृष्टिगोचर होगा।
सूर्य ग्रहण उस समय होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में इस तरह से आ जाता है कि वह सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचने से रोक सकता है। यह तभी हो सकता है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के केंद्र लगभग एक सीधी रेखा में हों। उस समय सूर्य और चंद्रमा के देशांतर एक समान होते हैं। जैसा कि चंद्र ग्रहण में पहले ही बताया जा चुका है कि पृथ्वी और सूर्य हमेशा अण्डाकार पर रहते हैं, जबकि चंद्रमा का रोहित 5° के कोण पर लगभग अण्डाकार होगा। इसलिए चंद्रमा हमेशा अण्डाकार पर नहीं होता है। यह ग्रहण पर होता है जब यह राहु और केतु के साथ मेल खाता है जो चंद्रमा के नोड हैं।
Tuesday, August 1, 2023
ANNULAR SOLAR ECLIPSE ON OCTOBER 14, 2023
On October 14, 2023, the Kankan solar eclipse will start at 20:34 on October 15, 2023, and will end at 2:25 on October 15, 2023, on the new moon day of Ashwin month, Saturday. Kankan solar eclipse view will not be visible in India. Shanaishchari Sarvapitri Amavasya Tithi and Tithi are going to fall on 14 October 2023, Saturday night. The horoscope of Gemini Ascendant is being prepared. At 23:21 in the night, the peak eclipse period will be there. The solar eclipse will appear in the shape of a ring. Jupiter and Rahu will transit in Aries and Mars Ketu is posited in Libra, Venus is posited in Leo, Moon, Sun, and Mercury are posited in Virgo and Saturn will transit in Aquarius, and Saturn's vision of Rahu in Aries. Is together and Jupiter will be above Saturn-Mars Samsaptak Yoga is being formed, due to which there are indications of natural calamities, severe earthquakes and storms in India, and floods in the states of Himachal Pradesh, Assam, Gujarat, and Uttarakhand. due to heavy rains. Chances are being made to come. There is going to be a big fire. This can cause huge damage. Retrograde planets in the horoscope will cause great calamity for a particular person.
This eclipse will be visible in countries like America, Mexico, Belize, Handers, Panama, Brazil, Colombia, etc. Apart from this, in some parts of America, Canada, Colombia, Cuba, Guatemala, Salvador, Honduras, Semana, Peru, etc. countries, the shape of a partial solar eclipse will also be visible.
Tuesday, April 18, 2023
20 अप्रैल 2023 विक्रमी संवत 2080 प्रथम खग्रास सूर्य ग्रहण
विक्रमी संवत 2080 का आरम्भ हो चुका हैं और इस वर्ष में हमारे भूमंडल पर चार ग्रहण दिखाई देते हैं । इसमें तीन सूर्य ग्रहण और एक चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। 20 अप्रैल 2023 को प्रथम खग्रास सूर्य ग्रहण दिखाई देगा ।
विक्रम संवत 2080 चंद्र मास वैशाख तिथि कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि गुरुवार भारतीय मानक समय प्रातः 07:05 बजे सूर्य ग्रहण प्रारंभ होगा और दोपहर 12:29 बजे तक रहेगा। मेष लग्न का राशिफल तैयार किया जा रहा है। सूर्य, चंद्र, राहु और बुध मेष राशि का स्वामी मंगल है। सूर्य, चंद्र और राहु तीनों अश्विनी नक्षत्र में स्थित हैं। नक्षत्र का स्वामी ग्रह केतु है। चंद्रमा और बृहस्पति दोनों ग्रह दहन अवस्था में स्थित हैं। शनि देव जी की दृष्टि सूर्य, चंद्र, राहु और मेष लग्न के ऊपर है। राजनीति की दृष्टि से यह समय ठीक नहीं है। देश में किसी व्यक्ति विशेष की मृत्यु होगी और जनता को कष्ट होगा। सभी ग्रह मंगल और शनि से घिरे हुए हैं। इससे कुछ राज्यों में साम्प्रदायिक दंगे होने की आशंका है। देश की सीमाओं पर अशांति रहेगी। इस ग्रहण का समय सुबह से शुरू हो जाएगा. खग्रास सूर्य ग्रहण की अवधि पांच घंटे 24 मिनट है। इसका असर पूरी दुनिया में दिखेगा। पेनुमब्रल सूर्य ग्रहण दक्षिणी महाद्वीप में अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण हिंद महासागर, इंडोनेशिया, फिलीपींस में दिखाई देगा। यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। कभी-कभी सूर्य ग्रहण का प्रभाव पांच घंटे, पांच दिन, पांच महीने और पांच साल में दिखाई देता है। जिस देश में सूर्य ग्रहण दिखाई दे रहा है, उस देश के राजा पर यह दृष्टिगोचर होगा।
सूर्य ग्रहण उस समय होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में इस तरह से आ जाता है कि वह सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचने से रोक सकता है। यह तभी हो सकता है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के केंद्र लगभग एक सीधी रेखा में हों। उस समय सूर्य और चंद्रमा के देशांतर एक समान होते हैं। जैसा कि चंद्र ग्रहण में पहले ही बताया जा चुका है कि पृथ्वी और सूर्य हमेशा अण्डाकार पर रहते हैं, जबकि चंद्रमा का रोहित 5° के कोण पर लगभग अण्डाकार होगा। इसलिए चंद्रमा हमेशा अण्डाकार पर नहीं होता है। यह ग्रहण पर होता है जब यह राहु और केतु के साथ मेल खाता है जो चंद्रमा के नोड हैं।
21 /22 सितंबर को 2025 सूर्य ग्रहण लगेगा मध्य रात्रि 23 बजे से 22 सितम्बर 2025 को सुबह 3 बजकर 24 मिनट तक रहेगा
यह ग्रहण भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष अमावस्या , दिन रविवार 21 /22 सितंबर को 2025 सूर्य ग्रहण लगेगा मध्य रात्रि 23 बजे से 2...

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विक्रम संवत 2082 में चार ग्रहण आकाश मंडल में दृश्य होगे l निम्नलिखित चारों ग्रहण कर रहे हैं :- 1. खग्रास चन्द्र ग्रहण 7/8 सि...
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हमारे सौर मंडल में सूर्य एक ग्रह की जिस के इर्द गिर्द सभी ग्रह और तारे घूमते हैं।सूर्य का गुरुतवाकर्षण होता है।पृथ्वी उसके इर्द...
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29 मार्च 2025 शनिवार को अमावस्या पर खण्डग्रास सूर्य ग्रहण दिखाई देगा l यह खण्डग्रास सूर्य ग्रहण चैत्र अमावस्या शनिवार 29 मार्च 2025 ई ...